प्रणवाक्षर
अकारो विष्णुरुद्दिष्ट उकारस्तु महेश्वर: ।
मकारेणोच्यते ब्रह्मा, प्रणवेन त्रयो मत: ॥
अर्थ : " ‘अ’कार से भगवान विष्णु प्राप्त होते है, ‘उ’कार से भगवान शंकर प्राप्त होते है, ’म’कार से भगवान ब्रम्हा निर्देशित होते है और प्रणव ‘ॐ’ कार से तीनो का पूजन होता है। "
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