सुविचार

परं द्वेष्टि परेषां यदात्मनस्तद्भविष्यति।
परेषां क्लेदनं कर्म न कार्यं तत्कदाचन।।

अर्थ : "यदि हम दूसरों का द्वेष करेंगे तो उसका प्रतिफल हमें भुगतना ही पड़ेगा। इसलिए दूसरों को दुःख पहुँचे ऐसा कर्म कभी भी नहीं करना चाहिये।"

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