सुविचार

द्वाविमौ पुरुषौ लोके सुखिनौ न कदाचन ।
यश्चाधनः कामयते यश्च कुप्यत्यनीश्वरः ॥

अर्थ : "दो प्रकार के लोग कभी सुखी नहीं होते; जितना धन है उससे अधिक ईच्छा करने वाला, और सामर्थ्य न होते हुए भी कोप रखनेवाला।"

Comments

Popular posts from this blog

पांडवों की मशाल

सुविचार

सिगिरिया पर्वत यानी रावण का महल