सुविचार

आकाशात् पतितं तोयं यथा गच्छति सागरम् ।
सर्व देव नमस्कार: केशवं प्रति गच्छति।।

अर्थ : "जिस प्रकार आकाश से गिरा जल विविध नदीयों के माध्यम से अंतिमत: सागर से जा मिलता है, उसी प्रकार सभी देवताओं को किया हुवा नमन एक ही ईश्वर को प्राप्त होता है।" 

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