सुविचार

आदेयस्य प्रदेयस्य कर्तव्यस्य च कर्मण: ।
क्षिप्रमक्रियमाणस्य काल: पिबति तद्रसम् ॥

अर्थ : "समय के अनुसार कर्म करना हमारा कर्तव्य है।समय पर नहीं किए गए कार्य का रस काल पी जाता है।"

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