Types of Greetings in Sanatan Dharma

अभिवादन शीलस्य ,नित्य वृद्धोपसेविन: ।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आर्युविद्या यशो बलम् ।।


अर्थ : "अच्छे भाव से किया हुआ सम्मान के बदले बड़े लोग आशीर्वाद देते है जो एक सकारात्मक ऊर्जा होती है।"


अभिवादन के पांच  प्रकार है : -

१. प्रत्युथान :-



किसी के स्वागत में उठ कर खड़े होना। 


२. नमस्कार :-



हाथ जोड़ कर सत्कार करना। 


३. उपसंग्रहण : -



बड़े, बुजुर्ग, शिक्षक के पाँव छूना। 


४. साष्टांग :- 



पाँव, घुटने, पेट, सर और हाथ के बल जमीन पर पूरे लेट कर सम्मान करना। 


५.  प्रत्याभिवादन : - 



अभिनन्दन का अभिनन्दन से जवाब देना।

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