सुविचार

यथा चतुर्भिःकनकं परीक्ष्यते
निर्घर्षणच्छेदन तापताडनैः।
तथा चतुर्भिःपुरुषःपरीक्ष्यते
त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।

अर्थ : "घिसने, काटने, तापने और पीटने, इन चार प्रकारों से जैसे सोने का परीक्षण होता है, इसी प्रकार त्याग, शील, गुण, एवं कर्मों से पुरुष की परीक्षा होती है।"

Comments

Popular posts from this blog

पांडवों की मशाल

इंग्लैंड की नदी में देवनागरी लिपि के शिलालेख

सुविचार