सुविचार
एक एव सुहृद् धर्मो निधनेऽप्यनुयाति यः।
शरीरेण समं नाशं सर्वमन्यद्धि गच्छति ।।
अर्थ : "जो मरने पर भी साथ में जाता है वैसा एकमात्र मित्र 'धर्म' है, और सम्पूर्ण तत्त्व तो शरीर के नाश के साथ ही नष्ट हो जाते है। [अतः अन्य सभी से बढ़कर धर्म को महत्त्व देना चाहिए]"
- मनुस्मृति:
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